हर छोटी सी बात पर मुंह फुला लेना, डर जाना और अपने भाई को डराना....
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उसे बस भर लेना होता है सांसों में, नथुनों में भरपू र.... फुला लेना होता है पूरा फेफड़ा ताकि चुप्पी, चिल्लाहट, हाहाकार, आय हाय, हाय हाय के साइड इफेक्ट्स से मुक्ति पा सकें और जी सकें वो नया वक्त जो शुरू होता है मौन की मंजिल पर पहुंचने के बा द..